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Chapter-6: प्रेमचंद के फटे जूते

1. 
‘ प्रेमचंद के फटे जूते ‘ पाठ में ‘ टीले ‘ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ को इंगित करने के लिए किया गया होगा ?

2. 
इनमें से हास्य – व्यंग्य ( प्रेमचंद के फटे जूते ) के रचनाकार कौन हैं ?

3. 
” तुम पर्दे का महत्व ही नहीं जानते , हम पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं । ” यह पंक्ति किस पाठ का है

4. 
प्रेमचंद का एक क्या लेखक को मिला है ?

5. 
इनमें से कौन – सी रचना प्रेमचंद की है ?

6. 
कौन फोटो के महत्व को नहीं समझते थे ?

7. 
‘ हरिशंकर परसाई ‘ लिखित पाठ का नाम है –

8. 
” प्रेमचंद के फटे जूते ” किस प्रकार का पाठ है ?

9. 
इनमें से कौन – सी रचना प्रेमचंद की नहीं है ?

10. 
” यह मुसकान नहीं , इसमें उपहास है , व्यंग्य है । ” यह पंक्ति किस पाठ की है ?

11. 
” तुम फोटो का महत्त्व नहीं समझते । ” यह पंक्ति किस पाठ का है ?

12. 
” तुम्हारी यह व्यंग्य – मुसकान मेरे हौसले पस्त कर देती है । ” यह पंक्ति किस पाठ का है ?

13. 
” जिनके देखे दुख उपजत है , तिनको करबो परै सलाम । पंक्ति किस पाठ का है ?

14. 
प्रेमचंद जी हिंदी के सुप्रसिद्ध _________है

15. 
प्रेमचंद जी का जीवन कैसा था?

16. 
‘प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ में लेखक ने प्रेमचंद का कैसा चित्रण किया है?

17. 
इस पाठ के लेखक ‘हरिशंकर परसाई’ बार-बार एक ही प्रश्न के बारे में सोचते हैं, वह प्रश्न किसके बारे में है?

18. 
इस पाठ के अनुसार कैसे लोग व्यक्तित्व सच्चाई और सादगी को अपनाने वाले हैं?

19. 
लेखक ने इस पाठ में भक्ति काल के किस कवि का वर्णन किया है।

20. 
‘उपहास’ शब्द में उपसर्ग बताइए?