Class 10 Hindi MCQ: Chapter 7 परम्परा का मूल्यांकन

1. “परम्परा का मूल्यांकन” पाठ के लेखक कौन हैं?

Answer: हजारीप्रसाद द्विवेदी

2. “परम्परा” का अर्थ क्या है?

Answer: अतीत से चली आ रही रीति-रिवाज और मान्यताएँ

3. लेखक के अनुसार परम्परा का मूल्यांकन क्यों आवश्यक है?

Answer: इसे सुधारने और प्रासंगिक बनाने के लिए

4. परम्परा का प्रमुख आधार क्या है?

Answer: सामाजिक स्वीकृति

5. लेखक ने किस प्रकार की परम्पराओं को स्वीकार करने की सलाह दी है?

Answer: तर्कसंगत और उपयोगी परम्पराओं को

6. लेखक ने परम्पराओं को किस दृष्टि से देखने की सलाह दी है?

Answer: आलोचनात्मक

7. परम्परा का मूल्यांकन करते समय कौन-सा गुण आवश्यक है?

Answer: तटस्थता और विवेक

8. परम्पराओं का अंधानुकरण किसके लिए हानिकारक हो सकता है?

Answer: उपरोक्त सभी

9. परम्परा और आधुनिकता के बीच लेखक ने किसका समर्थन किया है?

Answer: परम्परा और आधुनिकता के संतुलन का

10. लेखक के अनुसार, जो परम्पराएँ प्रासंगिक नहीं हैं, उनके साथ क्या किया जाना चाहिए?

Answer: उन्हें त्याग देना चाहिए

11. परम्परा का आधार किस पर होता है?

Answer: समय और स्थान पर

12. “परम्परा का मूल्यांकन” पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Answer: परम्पराओं का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मूल्यांकन करना

13. लेखक ने परम्पराओं को किस दृष्टिकोण से देखने की सलाह दी है?

Answer: तर्क और विवेक की दृष्टि से

14. परम्पराओं के अंधानुकरण का परिणाम क्या हो सकता है?

Answer: समाज का पतन

15. परम्परा और संस्कृति के संबंध में लेखक का क्या मत है?

Answer: परम्परा संस्कृति का आधार है।

16. परम्पराओं का सुधार कैसे संभव है?

Answer: उन्हें समझदारी और तर्क के आधार पर बदल कर

17. लेखक के अनुसार परम्परा का सबसे बड़ा दोष क्या है?

Answer: उनका अंधानुकरण

18. परम्परा को प्रासंगिक बनाने के लिए लेखक ने किस पर जोर दिया है?

Answer: विज्ञान और तर्क पर

19. परम्परा के कौन-से गुण उसे उपयोगी बनाते हैं?

Answer: उसकी वैज्ञानिकता और व्यावहारिकता

20. “परम्परा का मूल्यांकन” पाठ का प्रमुख संदेश क्या है?

Answer: परम्परा का मूल्यांकन तर्क और विज्ञान के आधार पर करना चाहिए।

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