1.
छाया मत छूना ‘ कविता के कवि कौन हैं ?
2.
कवि छाया छूने से इसलिए मना कर रहा है क्योंकि यह-
3.
कवि के अनुसार , मनुष्य अतीत में खोए रहने के कारण रहता है ।
4.
कवि अपने जीवन में क्या पाने के लिए निरंतर दौड़ता रहा ?
5.
छाया मत छूना ‘ कविता में ‘ चंद्रिका ‘ और ‘ कृष्णा ‘ किसके प्रतीकार्थ हैं ?
6.
कवि ने प्रभुता की कामना को क्या माना है ?
7.
कवि के अनुसार , जो सुख जीवन में प्राप्त न हो सका , उसे भूलकर —— करना चाहिए ।
8.
दुविधा हत साहस ‘ का क्या अभिप्राय है ?
9.
‘शरद – रात ‘ आने पर चाँद के न खिलने से किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है ?
10.
‘ छाया मत छूना ‘ कविता में ‘ छाया ‘ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में हुआ है ?
11.
कवि ने किसके पूजन की बात कही है ?
12.
कवि के अनुसार , वास्तविक खुशी और सफलता किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है ?
13.
कवि के जीवन की ‘ सुरंग – सुधियाँ ‘ क्या हैं ?
14.
हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है ‘ पंक्ति में ‘ चंद्रिका ‘ का प्रतीकार्थ क्या है ?
15.
‘ हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है ‘ पंक्ति का भाव है
16.
छाया मत छूना ‘ कविता में प्रयुक्त ‘ शरद रात ‘ व ‘ वसंत ‘ का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है ?
17.
चाँदनी रात को देखकर कवि को किसकी याद आती है ?
18.
यामिनी ‘ किसका प्रतीक है ?
19.
सुरंग सुधियाँ सुहावनी ‘ में स्मृतियों को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है ?
20.
कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी ‘ में ‘ कुंतल ‘ शब्द से क्या अभिप्राय है ?