1. “अति सूधो सनेह को मारग है” के रचनाकार कौन हैं?
Answer: सूरदास
2. “अति सूधो सनेह को मारग है” का मुख्य भाव क्या है?
Answer: प्रेम और भक्ति की महिमा
3. इस काव्य में “सनेह” का क्या अर्थ है?
Answer: प्रेम
4. सूरदास के अनुसार, प्रेम के मार्ग में क्या होना चाहिए?
Answer: आस्था और समर्पण
5. “अति सूधो सनेह को मारग है” में “अति सूधो” से क्या अभिप्रेत है?
Answer: अत्यधिक प्रेम
6. सूरदास का काव्य किस प्रकार के भक्ति मार्ग को चित्रित करता है?
Answer: प्रेम और भक्ति मार्ग
7. “सनेह” का आदर्श रूप किससे संबंधित है?
Answer: भगवान के प्रति प्रेम
8. सूरदास के अनुसार, प्रेम में “अति सूधो” का क्या अर्थ है?
Answer: अत्यधिक प्रेम
9. इस पाठ में सूरदास ने प्रेम की किस विशेषता पर बल दिया है?
Answer: उसका त्याग और समर्पण
10. सूरदास के काव्य में प्रेम का सबसे महत्वपूर्ण स्वरूप क्या है?
Answer: आध्यात्मिक प्रेम
11. “अति सूधो सनेह को मारग है” में सूरदास ने किसका विरोध किया है?
Answer: प्रेम में अत्यधिक आस्था का
12. सूरदास के काव्य में भगवान के प्रति प्रेम किस रूप में व्यक्त किया गया है?
Answer: भक्ति और समर्पण
13. सूरदास के अनुसार, प्रेम का मार्ग कैसा होना चाहिए?
Answer: सरल और सहज
14. “अति सूधो सनेह को मारग है” में सूरदास ने प्रेम की किस स्थिति को प्रस्तुत किया है?
Answer: निष्कलंक और सर्वोच्च
15. सूरदास ने प्रेम को किस तरह से चित्रित किया है?
Answer: आत्मा और परमात्मा के मिलन का माध्यम
16. “अति सूधो सनेह को मारग है” में सूरदास ने किसका उदाहरण प्रस्तुत किया है?
Answer: भगवान कृष्ण
17. सूरदास के अनुसार प्रेम की कितनी अवस्थाएँ होती हैं?
Answer: तीन
18. “अति सूधो सनेह को मारग है” में सूरदास ने प्रेम को किस रूप में दिखाया है?
Answer: दोनों रूपों में
19. सूरदास के काव्य में प्रेम का रूप क्या है?
Answer: स्थायी और गहरा
20. सूरदास का संदेश “अति सूधो सनेह को मारग है” में क्या है?
Answer: प्रेम में त्याग और समर्पण आवश्यक है