Class 10 Hindi MCQ: Chapter 8 जित – जित मैं निरखत हूँ

1. “जित – जित मैं निरखत हूँ” का लेखक कौन है?

Answer: कबीरदास

2. “जित – जित मैं निरखत हूँ” किस प्रकार की रचना है?

Answer: निर्गुण भक्ति

3. “जित – जित मैं निरखत हूँ” में लेखक ने किसे निरखने की बात की है?

Answer: स्वयं को

4. “जित – जित मैं निरखत हूँ” में कबीरदास ने किस पर विचार किया है?

Answer: आत्मा और परमात्मा पर

5. कबीरदास की रचनाओं में किस प्रकार का भक्ति भाव प्रकट होता है?

Answer: निर्गुण भक्ति

6. “जित – जित मैं निरखत हूँ” में कबीरदास ने क्या सत्य माना है?

Answer: ईश्वर का नाम

7. कबीरदास के अनुसार, ईश्वर का साक्षात्कार कैसे किया जा सकता है?

Answer: आत्मनिरीक्षण और साधना से

8. “जित – जित मैं निरखत हूँ” में कौन-सा दर्शन प्रमुख है?

Answer: निर्गुण भक्ति दर्शन

9. कबीरदास ने किसे “मूल” कहा है?

Answer: आत्मा को

10. “जित – जित मैं निरखत हूँ” में कबीरदास ने किसकी आलोचना की है?

Answer: अंधविश्वास और कर्मकांड

11. कबीरदास किस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते हैं?

Answer: साधुकरी

12. कबीरदास के अनुसार, सत्य की प्राप्ति के लिए क्या आवश्यक है?

Answer: गुरुकृपा

13. “जित – जित मैं निरखत हूँ” में कौन-सी मुख्य भावना प्रकट होती है?

Answer: वैराग्य

14. कबीरदास के भक्ति मार्ग को क्या कहा जाता है?

Answer: सहज मार्ग

15. कबीरदास के अनुसार, मनुष्य को किससे बचना चाहिए?

Answer: मोह और माया से

16. “जित – जित मैं निरखत हूँ” का संबंध किस भक्ति आंदोलन से है?

Answer: निर्गुण संत परंपरा

17. कबीरदास ने किस माध्यम से अपनी बात कही है?

Answer: पद और दोहे

18. कबीरदास की रचनाओं में मुख्यतः किन विषयों का वर्णन मिलता है?

Answer: आत्मा, माया और ईश्वर

19. कबीरदास के अनुसार माया किसे कहते हैं?

Answer: धन और संपत्ति को

20. “जित – जित मैं निरखत हूँ” का प्रमुख संदेश क्या है?

Answer: आत्मा और ईश्वर की पहचान

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