1.
वह बिन्दु जहाँ पर किसी निकाय या पिण्ड का सम्पूर्ण द्रव्यमान केन्द्रित माना जा सकता है, कहलाता है।
2.
यदि एक वस्तु के कोणीय संवेग में 50% की कमी हो जाए तो उसकी घूर्णन गतिज ऊर्जा में परिवर्तन होगा-
3.
किसी अक्ष के परितः कोणीय वेग से घूमते किसी पिण्ड के जड़त्व आघूर्ण कोणीय त्वरण तथा बल आघूर्ण क्रमशःI, α तथा τ हैं, तब-
4.
किसी पिण्ड के जड़त्व आघूर्ण तथा कोणीय त्वरण के गुणनफल को कहते हैं।
5.
निम्नलिखित में से किस पिंड का द्रव्यमान केंद्र उसके बाहर स्थित होता है।
6.
त्रिज्या 10m के एक वृत्तीय पथ पर एकसमान चाल = 10ms से गतिशील मोटरगाड़ी की छत से एक सरल लोलक निलंबित है। लोलक के धागे का ऊर्ध्वाधर से झुकाव होगा
7.
एक कण R त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूमता है। परिक्रमण के आधे आवर्तकाल में कण का विस्थापन होगा
8.
12 cm त्रिज्या वाले वृत्ताकार खांचे में फँसा हुआ कीड़ा खांचे के अनुदिश समरूप गति करता है तथा 100 सेकण्ड में 7 चक्कर पूरे करता है। गति की रैखिक चाल कितनी है :-
9.
यदि एक कण वृत्तीय पथ पर गति करते हुये समान समय में समान कोण अन्तरित करता है, तो वेग सदिश
10.
वृत्ताकार मार्ग पर प्रति मिनट 100 बार घूमने वाले कण का कोणीय वेग है :-
11.
‘M’ व ‘m’ द्रव्यमान के पिण्ड क्रमश: R वr त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर गति कर रहे है। यदि इनका आवर्तकाल समान हो तो इनके कोणीय वेगों का अनुपात होगा :-
12.
घड़ी की मिनिट की सुई का कोणीय वेग है :
13.
यदि कोई कण क्षैतिज वृत्त में एकसमान रूप से घूम रहा है, तो
14.
वृत्ताकार पथ पर एक समान चाल से गतिशील कण का कोणीय त्वरण होगा :-
15.
वृत्ताकार गति करती हुई वस्तु की चाल तथा पथ की त्रिज्या दोनों को तिगुनी कर देने पर नया अभिकेन्द्रीय बल होगा :-
16.
एक पेण्डुलम कार की छत से लटका हुआ है। जब कार वृत्तीय पथ पर चलती है, तो पेण्डुलम का झुकाव होगा :
17.
0.5 kg की गेंद 4 m/s की चाल से 0.4m त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर गतिशील हैं। गेंद पर अभिकेन्द्रीय बल होगा :-
18.
एकसमान वृत्तीय गति में, वेग सदिश तथा त्वरण सदिश होते है
19.
एक डोरी में यदि तनाव 10 न्यूटन से अधिक हो जाए तो यह डोरी टूट जाती है। 250 ग्राम द्रव्यमान का एक पत्थर 10 cm लम्बी इस डोरी से बाँधकर क्षैतिज वृत्ताकार पथ में घुमाया जाता है। घूर्णन का अधिकतम कोणीय वेग हो सकता है-
20.
जब दूध को मया (churned) जाता है, तो मक्खन इससे अलग होता है जिसका कारण है