1. “प्रगीत और समाज” पाठ के लेखक कौन हैं?
Answer: हजारीप्रसाद द्विवेदी
2. “प्रगीत” का अर्थ क्या है?
Answer: व्यक्तिगत भावना प्रधान गीत
3. “प्रगीत” किस साहित्यिक विधा से संबंधित है?
Answer: पद्य
4. लेखक ने “प्रगीत और समाज” में किसकी महत्ता पर जोर दिया है?
Answer: सामाजिक संबंधों की
5. “प्रगीत” की विशेषता क्या है?
Answer: व्यक्तिगत भावना की अभिव्यक्ति
6. “प्रगीत और समाज” में किस सामाजिक तत्व पर प्रकाश डाला गया है?
Answer: सामाजिक एकता
7. लेखक के अनुसार, प्रगीत किसके साथ जुड़ा होता है?
Answer: व्यक्तिगत अनुभवों के साथ
8. “प्रगीत और समाज” पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Answer: समाज और व्यक्ति के बीच संबंधों को उजागर करना
9. “प्रगीत और समाज” पाठ में प्रगीत को किससे जोड़ा गया है?
Answer: सामाजिक संरचना से
10. “प्रगीत” में किन भावनाओं की प्रधानता होती है?
Answer: प्रेम और करुणा
11. “प्रगीत और समाज” में किस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया है?
Answer: सरल और व्यावहारिक
12. “प्रगीत” के विकास में किसका योगदान महत्वपूर्ण है?
Answer: कवियों और लेखकों का
13. “प्रगीत और समाज” पाठ में कौन-सी सामाजिक समस्या पर चर्चा की गई है?
Answer: व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों का तनाव
14. “प्रगीत और समाज” में लेखक ने किस प्रकार के समाज की कल्पना की है?
Answer: एकता और प्रेम से भरा समाज
15. “प्रगीत” का संबंध किस साहित्यिक प्रवृत्ति से है?
Answer: छायावाद
16. “प्रगीत” किसके अनुभवों की अभिव्यक्ति है?
Answer: व्यक्तिगत
17. लेखक के अनुसार, समाज में प्रगीत की भूमिका क्या है?
Answer: समाज को मानवीय मूल्यों से जोड़ना
18. “प्रगीत और समाज” पाठ में लेखक ने किस प्रकार की रचनाओं को महत्व दिया है?
Answer: भावप्रधान
19. “प्रगीत और समाज” पाठ का मुख्य संदेश क्या है?
Answer: साहित्य और समाज का घनिष्ठ संबंध
20. “प्रगीत और समाज” पाठ का लेखक किस प्रकार के साहित्य का समर्थन करता है?
Answer: सामाजिक और भावनात्मक साहित्य