1. “वाङ्” का अर्थ क्या है?
Answer: वाणी
2. “मनः” का तात्पर्य क्या है?
Answer: चित्त
3. “प्राण” किसका प्रतीक है?
Answer: जीवन
4. “वाङ् मनः प्राणस्वरूपम्” पाठ में मुख्य रूप से किसकी व्याख्या की गई है?
Answer: वाणी, मन और प्राण का महत्व
5. वाणी का प्रयोग कैसे होना चाहिए?
Answer: विनम्र
6. “मनुष्यस्य वाणी” का मुख्य कार्य क्या है?
Answer: विचारों को व्यक्त करना
7. “प्राण” किसके आधार पर चलता है?
Answer: उपर्युक्त सभी
8. मनुष्य के जीवन में “मनः” का क्या कार्य है?
Answer: सोचने और विचार करने का
9. “सत्य वाणी” का महत्व क्या है?
Answer: समाज में शांति और समृद्धि लाना
10. वाणी, मन और प्राण में क्या संबंध है?
Answer: ये परस्पर जुड़े हुए हैं।
11. “प्राण” किसे संचालित करता है?
Answer: शरीर, मन और वाणी को
12. “सद्वाणी” का प्रभाव क्या होता है?
Answer: शांति और प्रसन्नता बढ़ती है।
13. मनुष्य को वाणी का उपयोग किस प्रकार करना चाहिए?
Answer: सत्य और कल्याण के लिए
14. “प्राण” का संचरण किससे होता है?
Answer: वायु
15. “मन” को शुद्ध करने का उपाय क्या है?
Answer: ध्यान और सत्कर्म
16. “वाणी” का प्रभाव किस पर पड़ता है?
Answer: समाज और स्वयं दोनों पर
17. “वाङ् मनः प्राणस्वरूपम्” का मुख्य संदेश क्या है?
Answer: वाणी, मन और प्राण का संतुलन आवश्यक है।
18. “मनुष्यस्य जीवनं” किस पर निर्भर है?
Answer: प्राण, मन और वाणी पर
19. “वाणी” को किस प्रकार का होना चाहिए?
Answer: मधुर और विनम्र
20. “प्राण” के बिना जीवन कैसा है?
Answer: असंभव