अध्याय: 6 कार्य, उर्जा तथा शक्ति

1. कार्य ऊर्जा प्रमेय है।

  • न्यूटन के गति के प्रथम नियम का समाकल रूप
  • न्यूटन के द्वितीय नियम का समाकल रूप
  • न्यूटन के तृतीय नियम का समाकल रूप
  • उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर
न्यूटन के गति के प्रथम नियम का समाकल रूप

2. पूर्णतः अप्रत्यास्थ संघट्ट में होते हैं।

  • संवेग एवं गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित
  • संवेग एवं गतिज ऊर्जा दोनों असंरक्षित
  • संवेग संरक्षित एवं गतिज ऊर्जा असंरक्षित
  • संवेग असंरक्षित एवं गतिज ऊर्जा संरक्षित
उत्तर
संवेग संरक्षित एवं गतिज ऊर्जा असंरक्षित

3. कार्य का S.I. मात्रक है।

  • जूल
  • अर्ग
  • किग्रा-भार x मीट
  • किलोवाट
उत्तर
जूल

4. दो पिण्डों की प्रत्यास्थ टक्कर में-

  • निकाय की केवल गंतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है
  • निकाय का केवल संवेग संरक्षित रहता है
  • निकाय की गतिज ऊर्जा व संवेग दोनों संरक्षित रहते हैं
  • निकाय की न तो गतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है और न ही संवेग
उत्तर
निकाय की गतिज ऊर्जा व संवेग दोनों संरक्षित रहते हैं

5. यदि किसी पिण्ड का संवेग दोगुना कर दिया जाए, तो उसकी गतिज ऊर्जा हो जायेगी-

  • दोगुनी
  • आधी
  • चार गुनी
  • चौथाई
उत्तर
चार गुनी

6. एक मशीन 200 जूल कार्य 8 सेकण्ड में करती है। मशीन की सामर्थ्य होगी-

  • 25 वाट
  • 25 जूल
  • 1600 जूले-सेकण्ड
  • 25 जूल-सेकण्ड
उत्तर
25 वाट

7. किसी पिण्ड का द्रव्यमान दोगुना तथा वेग आधा करने पर उसकी गतिज ऊर्जा हो जायेगी-

  • आधी
  • दोगुनी
  • अपरिवर्तित
  • चौथाई
उत्तर
आधी

8. कार्य एवं सामर्थ्य में सम्बन्ध होता है।

  • कार्य = सामर्थ्य x समय
  • कार्य = सामर्थ्य + समय
  • कार्य = समय/सामर्थ्य
  • कार्य = सामर्थ्य/समय
उत्तर
कार्य = सामर्थ्य x समय

9. निम्नलिखित में से कौन गतिज ऊर्जा का उदाहरण है।

  • पृथ्वी-तल से 2 मीटर ऊँचाई पर उठा हुआ 5 किग्रा-भार का एक पिण्ड
  • चाबी भरी हुई घड़ी का स्प्रिंग
  • भूमि पर लुढ़कती क्रिकेट की गेंद
  • बन्द बेलन में पिस्टन द्वारा सम्पीडित गैस
उत्तर
भूमि पर लुढ़कती क्रिकेट की गेंद

10. किलोवाट-घण्टा मात्रक है।

  • शक्ति का
  • ऊर्जा का
  • दोनों का
  • किसी का भी नहीं
उत्तर
ऊर्जा का

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