1. “राम बिनु बिरथे जगी जनमा” पाठ के रचयिता कौन हैं?
Answer: तुलसीदास
2. “राम बिनु बिरथे जगी जनमा” किस काव्य से लिया गया है?
Answer: विनय पत्रिका
3. इस पाठ में “राम” किसका प्रतीक हैं?
Answer: भक्ति और मोक्ष का
4. “बिरथे” शब्द का अर्थ क्या है?
Answer: व्यर्थ
5. इस काव्य में तुलसीदास ने मुख्य रूप से किस बात पर बल दिया है?
Answer: भक्ति और भगवान राम की आवश्यकता पर
6. पाठ में “जगी जनमा” का क्या अर्थ है?
Answer: संसार में जन्म
7. तुलसीदास ने “राम” को किसके समकक्ष बताया है?
Answer: भक्ति और मोक्ष के
8. तुलसीदास के अनुसार, भगवान राम के बिना जीवन कैसा है?
Answer: व्यर्थ
9. “राम बिनु बिरथे जगी जनमा” में कौन-सी भावना व्यक्त की गई है?
Answer: भक्ति और समर्पण की
10. “राम” के बिना मानव जीवन का क्या परिणाम होता है?
Answer: दुख और अशांति
11. “राम बिनु बिरथे जगी जनमा” किस शैली में लिखा गया है?
Answer: काव्यात्मक
12. इस पाठ में तुलसीदास ने किस प्रकार की भाषा का उपयोग किया है?
Answer: अवधी
13. “राम” का स्मरण तुलसीदास किसके लिए आवश्यक मानते हैं?
Answer: आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए
14. “राम बिनु बिरथे” में तुलसीदास ने किसकी तुलना भगवान राम से की है?
Answer: सांसारिक और परमार्थिक जीवन की
15. “राम” के प्रति तुलसीदास की भक्ति कैसी है?
Answer: गहरी और संपूर्ण
16. तुलसीदास के विचार में सच्चे जीवन का उद्देश्य क्या है?
Answer: भगवान राम की भक्ति करना
17. इस पाठ में कौन-सा प्रमुख काव्य तत्व दिखाई देता है?
Answer: सभी तत्व
18. तुलसीदास के अनुसार, संसार में किसका स्मरण मनुष्य को बचा सकता है?
Answer: राम का
19. पाठ में राम के बिना संसार को किस प्रकार दिखाया गया है?
Answer: वीरान और व्यर्थ
20. “राम बिनु बिरथे जगी जनमा” का प्रमुख संदेश क्या है?
Answer: भगवान राम के प्रति भक्ति और समर्पण