1. “मेरे बिना तुम प्रभु” के लेखक कौन हैं?
Answer: तुलसीदास
2. “मेरे बिना तुम प्रभु” में लेखक ने किसका भाव व्यक्त किया है?
Answer: भगवान के साथ अपनी निर्भरता
3. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि ने किसे प्रभु के रूप में माना है?
Answer: भगवान
4. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि का कौन सा विचार प्रमुख है?
Answer: जीवन का उद्देश्य प्रेम और समर्पण है
5. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि ने भगवान से क्या आग्रह किया है?
Answer: उसे प्रेम और भक्ति का मार्ग दिखाने का
6. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि ने किस भाव को व्यक्त किया है?
Answer: आत्मसमर्पण और भक्ति
7. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि के अनुसार भगवान का रूप कैसा है?
Answer: सौम्य और शांत
8. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि ने भगवान से क्या चाहा है?
Answer: शरण और मार्गदर्शन
9. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि किस बात को अभिव्यक्त करता है?
Answer: भगवान का प्रेम और शक्ति
10. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि भगवान से किस प्रकार के संबंध को चाहती है?
Answer: प्रेमपूर्ण और भक्ति से भरा हुआ
11. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि ने भगवान को किस रूप में चित्रित किया है?
Answer: कोमल और दयालु
12. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि का मुख्य संदेश क्या है?
Answer: भगवान के प्रति अडिग विश्वास और भक्ति
13. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि भगवान से किस प्रकार का मार्गदर्शन चाहता है?
Answer: जीवन में प्रेम और समर्पण की दिशा
14. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि ने भगवान के किस रूप की पूजा की है?
Answer: मानसिक और आत्मिक भक्ति
15. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि ने भगवान से क्या पूछा है?
Answer: मार्गदर्शन और आशीर्वाद
16. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि का भगवान से क्या अनुरोध है?
Answer: उसकी भक्ति में संपूर्ण समर्पण
17. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि का भगवान से कितना विश्वास था?
Answer: प्रगाढ़ और अडिग
18. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि के अनुसार भक्ति का क्या महत्व है?
Answer: यह जीवन के उद्देश्य को पूरा करने का माध्यम है
19. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि भगवान से किस प्रकार की कृपा चाहता है?
Answer: आत्मिक शांति और प्रेम
20. “मेरे बिना तुम प्रभु” में कवि ने भगवान से एकमात्र क्या माँगा है?
Answer: आशीर्वाद और शांति