1. कार्य ऊर्जा प्रमेय है।
- न्यूटन के गति के प्रथम नियम का समाकल रूप
- न्यूटन के द्वितीय नियम का समाकल रूप
- न्यूटन के तृतीय नियम का समाकल रूप
- उपर्युक्त में से कोई नहीं
2. पूर्णतः अप्रत्यास्थ संघट्ट में होते हैं।
- संवेग एवं गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित
- संवेग एवं गतिज ऊर्जा दोनों असंरक्षित
- संवेग संरक्षित एवं गतिज ऊर्जा असंरक्षित
- संवेग असंरक्षित एवं गतिज ऊर्जा संरक्षित
3. कार्य का S.I. मात्रक है।
- जूल
- अर्ग
- किग्रा-भार x मीट
- किलोवाट
4. दो पिण्डों की प्रत्यास्थ टक्कर में-
- निकाय की केवल गंतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है
- निकाय का केवल संवेग संरक्षित रहता है
- निकाय की गतिज ऊर्जा व संवेग दोनों संरक्षित रहते हैं
- निकाय की न तो गतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है और न ही संवेग
5. यदि किसी पिण्ड का संवेग दोगुना कर दिया जाए, तो उसकी गतिज ऊर्जा हो जायेगी-
- दोगुनी
- आधी
- चार गुनी
- चौथाई
6. एक मशीन 200 जूल कार्य 8 सेकण्ड में करती है। मशीन की सामर्थ्य होगी-
- 25 वाट
- 25 जूल
- 1600 जूले-सेकण्ड
- 25 जूल-सेकण्ड
7. किसी पिण्ड का द्रव्यमान दोगुना तथा वेग आधा करने पर उसकी गतिज ऊर्जा हो जायेगी-
- आधी
- दोगुनी
- अपरिवर्तित
- चौथाई
8. कार्य एवं सामर्थ्य में सम्बन्ध होता है।
- कार्य = सामर्थ्य x समय
- कार्य = सामर्थ्य + समय
- कार्य = समय/सामर्थ्य
- कार्य = सामर्थ्य/समय
9. निम्नलिखित में से कौन गतिज ऊर्जा का उदाहरण है।
- पृथ्वी-तल से 2 मीटर ऊँचाई पर उठा हुआ 5 किग्रा-भार का एक पिण्ड
- चाबी भरी हुई घड़ी का स्प्रिंग
- भूमि पर लुढ़कती क्रिकेट की गेंद
- बन्द बेलन में पिस्टन द्वारा सम्पीडित गैस
10. किलोवाट-घण्टा मात्रक है।
- शक्ति का
- ऊर्जा का
- दोनों का
- किसी का भी नहीं
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